राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के तहत जिले के सभी नौ ब्लॉक व एक नगर समेत 10 इंटर कालेजों में बृहस्पतिवार (22दिसम्बर) को ‘किशोर स्वास्थ्य मंच’ का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मंच के माध्यम से प्रतियोगिताओं का आयोजन कर एनीमिया मुक्त भारत एवं सुपोषण अभियान के लिये प्रेरित किया गया, उनके प्रदर्शनों के आधार पर पुरस्कृत भी किया गया, यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेश अग्रवाल ने दी।
सीएमओ डॉ अग्रवाल ने बताया कि किशोरावस्था (10-19 वर्ष) वृद्धि तथा विकास की एक महत्वपूर्ण अवस्था होती है। यह बाल्यावस्था से किशोरावस्था में परिवर्तन का समय होता है तथा इस अवस्था में शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तन बहुत तीव्रता से होते हैं। इस अवस्था में किशोर-किशोरी यौन, मानसिक तथा व्यवहारिक रुप से परिपक्व होने लगते हैं। किशोर-किशारियों की समस्यायें विभिन्न प्रकार की होती हैं तथा उनके लिए जोखिम भरी परिस्थितियां भी अलग-अलग होती हैं। उदाहरण के लिए वे विवाहित एवं अविवाहित, स्कूल जाने वाले तथा न जाने वाले, गांव तथा शहरी क्षेत्रों में रहने वाले हो सकते हैं तथा यौन विषय पर उनकी जानकारी में भी अलग-अलग हो सकती है।
उन्होंने आगे बताया कि प्रत्येक समूह की समस्यायें एक दूसरे से अलग हो सकती हैं तथा उनको समाज का ही एक विशेष अंग मानते हुए महत्व देना चाहिए। किशोरावस्था के दौरान हार्मोन परिवर्तन के कारण यौवनकाल की शुरुआत होती है, शारीरिक वृद्धि तेजी से होती है तथा दो तरह का यौन लक्षण प्रकट होता है। इसके साथ ही मानसिक एवं भावनात्मक परिवर्तन जैसे कि स्वयं की पहचान बनाना, किसी प्रकार की रोक-टोक पसंद न करना, यौन इच्छा तथा विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण की भावना उत्पन्न होती हैं। इस अवस्था में वे परिवार के अतिरिक्त बाहरी लोगों के सम्पर्क में भी आने लगते हैं।
एसीएमओ एवं नोडल अधिकारी डॉ बीके यादव ने बताया कि इस मंच से किशोरावस्था में उम्र बढ़ने के साथ होने वाले परिवर्तनों पर विस्तार से जानकारी दी गई। किशोर उम्र में लड़कियों व लड़कों दोनों में शारीरिक बनावट में बदलाव होता हैं। किशोर-किशोरी प्रायः अपनी बातों, समस्याओं तथा आवश्यकताओं के सम्बन्ध में अपने से अधिक उम्र के निकटतम लोगों जैसे माता-पिता, अध्यापक तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता से चर्चा करने में संकोच महसूस करते हैं। इसमें उनके सम्बन्ध, उम्र, लिंग तथा सामाजिक व सांस्कृतिक परिस्थितियों बाधा बनती हैं। अपने जीवन के इस नाजुक मोड़ पर उनके पथ भ्रष्ट होने की संभावना अधिक होती है तथा जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है और उनको कुपोषण, मादक पदार्थों का सेवन, कम उम्र में गर्भधारण, यौन शोषण, प्रजनन एवं यौन अगों में संक्रमण तथा एचआईवी जैसे समस्याओं व रोगों का सामना करना पड़ता है।
आरकेएसके कार्यक्रम के डीईआईसी मैनेजर अरविन्द कुमार वर्मा ने बताया कि इस मंच के माध्यम से किशोर- किशोरियों को स्वस्थ जीवन के लिए सबको स्वस्थ एवं स्वच्छ रहने की सीख दी गई। खाने में फास्टफूड से बचने,हरी पत्तेदार सब्जियों साग जैसे पदार्थो के सेवन के लिये बताया गया, किशोरियों व किशोरों को आयरन फोलिक एसिड की टैबलेट वितरित करते हुए उसके लाभ के बारे में जानकारी दी गई।
कक्षा 12 की सिद्धि पांडे और प्रमिला चौहान ने बताया कि हम लोगों को इस कार्यक्रम से प्रतियोगिता में भी भाग लेने का मौका मिला साथ ही इन कार्यक्रमों के माध्यम से यह जागरूकता आएगी हमें अपना निजी जीवन किस तरह से जीना है इसकी पूरी जानकारी मिली इसमें महिला डॉक्टर ने हम लोगों से खुलकर हमारे जीवन के बारे में बातचीत किया।
इस मंच के आयोजन में ब्लॉक बडरांव में यूपीएस कंपोजिट स्कूल खानिगाह अमिला में डॉ जीसी पाठक जिला क्षय रोग अधिकारी द्वारा, शहर मऊ में आलिया अरबिया इंटर कॉलेज फैजीगेट डोमनपुरा में डॉ वकील अली डिप्टी सीएमओ, फतेहपुर ब्लॉक में अपर प्राइमरी स्कूल रामपुर में डॉ बीके यादव, नोडल अधिकारी आरबीएसके एवम आरकेएसके द्वारा, दोहरीघाट में ब्लॉक रूपा देवी बालिका इंटर कॉलेज गोफा अमिला में शिक्षा विभाग से विद्यालय प्रबंधक व बृजेश यादव द्वारा, घोसी ब्लॉक में कृषक इंटर कॉलेज गोदसरा में डॉ आरएन सिंह द्वारा, ब्लॉक कोपागंज में नेशनल इंटर कॉलेज, अदरी में प्रधानाचार्य द्वारा, मोहम्मदाबाद ब्लाक में देवऋषि इंटर कॉलेज देवलास में डॉ आरबी सिंह अपर मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा, कृष्णा इंटर कॉलेज पिपरीडीह, रानीपुर में सरसेना इंटर कॉलेज सरसेना में डॉ एचएन मौर्या डिप्टी सीएमओ द्वारा, रतनपुरा ब्लाक में भंदाव इंटर कॉलेज थलईपुर में डीईआइसी प्रबंधक अरविंद वर्मा एवम प्रधानाचार्य द्वारा उद्घाटन किया गया।
